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फैज की खास शायरी

Famous Quotations
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आस उस दर से टूटती ही नहीं
जाके देखा न जाके देख लिया।

इक तिरी दीद छिन गयी मुझसे
वरना दुनिया में क्या नहीं बाक़ी



हिम्मते-इल्तिजा नहीं बाक़ी
ज़ब्त का हौसला नहीं बाक़ी

इस तिरी दीद छिन गयी मुझसे
वरना दुनिया में क्या नहीं बाक़ी



अपनी मश्क़े-सितम्1 से हाथ न खैंच
मैं नहीं या वफ़ा नहीं बाक़ी
तेरी चश्मे-अलमनवाज़2 की ख़ैर
दिल में कोई गिला नहीं बाक़ी

हो चुका ख़त्म अह्दे-हिज्रो-विसाल
ज़िन्दगी में मज़ा नहीं बाक़ी

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