Famous Quotations
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धरती के आँचल में
सजी हैं स्वर्ण रश्मियाँ
खेतों में आज
बिखरा है सोना
जिसे देख कर महका
कृषक मन का कोना-कोना
किया धरती ने सोलह श्रृंगार
चमचमाते नयन बार-बार
धानी चूनर में मोती सजे हैं
ढोल ताशे और बाजे बजे हैं
दिल की वीणा के झंकृत हैं तार
झूमें गाए है मन बार-बार
हुए आँखों के सपने साकार
फिर से जागी उम्मीदें हज़ार
अब प्रिया भी हुई है उदार
लेके आए वो सोने का हार
उनके गालों की रंगत जो देखूँ
बिन पिए ही चढे है खुमार
तेरी पूरी करूँ हर तमन्ना
दे- दे मुझको तू बाँहों के हार
आज दिल में उमंगें वो छाई
देखा नयनों में उनकी जो प्यार
आओ झूमें नाचें और गाएँ
रोज आती नहीं ये बहार
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