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दीवान-ए-गालिब: Diwan-e-Ghalib

Famous Quotations
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दिल-ए-नादां, तुझे हुआ क्या है
आखिर इस दर्द की दवा क्या है

मेहरबां होके बुलाओ मुझे, चाहो जिस वक्त
मैं गया वक्त नहीं हूं, कि फिर आ भी न सकूं

या रब, न वह समझे हैं, न समझेंगे मेरी बात
दे और दिल उनको, जो न दे मुझको जबां और

कैदे-हयात बंदे-.गम, अस्ल में दोनों एक हैं
मौत से पहले आदमी, .गम से निजात पाए क्यों

गालिबे-खस्ता के बगैर कौन-से काम बंद हैं
रोइए जार-जार क्या, कीजिए हाय-हाय क्यों

रंज से खूंगर हुआ इंसां तो मिट जाता है .गम
मुश्किलें मुझपे पड़ीं इतनी कि आसां हो गईं


–मिर्जा गालिब

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