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Gulzar Shayari:Romantic Shayari In Hindi
लबों से चूम लो आंखो से थाम लो मुझको
तुम्हारी कोख से जनमू तो पनाह मिले ..
मैं आरज़ू की तपिश में पिघल रही थी कहीं
तुम्हारे जिस्म से होकर निकल रही थी कहीं
बड़े हसीन थे जो राह में गुनाह मिले
तुम्ही से जन्मूँ तो शायद …..
………………..
Gulzar Shayari:Romantic Shayari In Hindi
मैं जब छांव छांव चला था अपना बदन बचा कर
कि रूह को एक खूबसूरत जिस्म दे दूँ
न कोई सिलवट .न दाग कोई न धूप झुलसे, न चोट खाएं
न जख्म छुए, न दर्द पहुंचे
Gulzar Shayari In Hindi: Emotional Shayari
बस एक कोरी कंवारी सुबह का जिस्म पहना दूँ, रूह को मैं
मगर तपी जब दोपहर दर्दों की, दर्द की धूप से जो गुजरा
तो रूह को छांव मिल गई है .
अजीब है दर्द और तस्कीं [शान्ति ] का साँझा रिश्ता
मिलेगी छांव तो बस कहीं धूप में मिलेगी …
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