Famous Quotations
- 77 Posts
- 3 Comments
क़फ़स में हंसते थे , गुलशन में जाके रोने लगे
परिन्दे अपनी कहानी सुनाके रोने लगे
बिछुड़ने वाले अचानक जो बरसों बाद मिले
वो मुस्कुराने लगे , मुस्कुराके रोने लगे
खुशी मिली तो खुशी में शरीक सबको किया
मिले जो ग़म तो अकेले में जाके रोने लगे
फिर आई ईद तो अब के बरस भी कुछ मां-बाप
गले से अपने खिलौने लगाके रोने लगे
……………….
किसी का बांट ले ग़म और किसी के काम आयें,
हमारे वास्ते वो रोज़े- ईद होता है।।
…………..
ये वक़्त मुबारक है मिलो आके गले तुम।
फिर हमसे ज़रा हंस के कहो ईद मुबारक।।
…………..
ईद का दिन और इतना मुख़्तसर।
दिन गिने जाते थे जिस दिन के लिये।।
हों मुबारक तुमको खुशियां ईद के मेरे अज़ीज़।
जब किसी से ईद मिलना याद कर लेना मुझे।।
Read Comments