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“शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करे” – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
गुरु की तुलना भगवान से की जाती है. हर समाज, हर काल में गुरु हमेशा वंदनीय रहे हैं और हमेशा रहेंगे. गुरु को समर्पित ‘शिक्षक दिवस’ के अवसर पर:
क्या दूं तुम्हें गुरु दक्षिणा
मन ही मन ये सोचूं
चुका न सकूं कर्ज तुम्हारा
जीवन सारा दे दूं
गुरुदेव के श्रीचरणों में
श्रद्धा सुमन संग वंदन
जिनकी कृपा नीर से
जीवन हुआ चंदन
धरती कहती, अंबर कहता यही तराना
गुरु आप ही वह पावन नूर हैं
जिनसे रौशन हुआ जमाना
गुरु गुणों की खान हैं, सबको दियो बताय
हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई
सबको ज्ञान का पाठ पढ़ाए
तीन लोक नौ खण्ड में
गुरु से बड़ा न कोए
करता करै न कर सकै
गुरु करै सब होए
मां बाप की मूरत है गुरु
कलयुग में भगवान की सूरत है गुरु
अक्षर ज्ञान ही नहीं
गुरु ने सिखाया जीवन ज्ञान
गुरुमंत्र को आत्मसात कर
हो जाओ भवसागर से पार
गुमनामी के अंधेरे में था
पहचान बना दिया
दुनिया के गम से मुझे
अनजान बना दिया
उनकी ऐसी कृपा हुई
गुरु ने मुझे एक अच्छा
इंसान बना दिया
हम न होते तो किताबें कौन पढ़ता
आपके खिले चेहरे को कमल कौन कहता
यह तो करिश्मा है शिक्षक दिवस का
वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता.
Teachers Day Quotes
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